विगत रात्रि कटनी जिले के ढीमरखेड़ा, स्लीमनाबाद एवं उमरिया पान थाना क्षेत्र अंतर्गत भारी बारिश के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में जल भराव एवं बाढ़ की स्थिति निर्मित हो गई । सूचना प्राप्त होने पर पुलिस अधीक्षक श्री अभिजीत कुमार रंजन ने तत्काल संज्ञान लेते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री संतोष डेहरिया को निर्देशित किया कि टीम बनाकर मानवीय दृष्टिकोण रखते हुए संवेदनशीलता के साथ में बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में फंसे हुए सभी ग्रामीण जनों को सकुशल बचाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जाए और अन्य विभागों से समन्वय स्थापित कर उनके खान-पान एवं रुकने का प्रबंध किया जाए।
पुलिस अधीक्षक महोदय के निर्देश का पालन करते हुए एसडीओपी स्लीमनाबाद श्री अखिलेश गौर के नेतृत्व में राहत एवं बचाव कार्य के लिए टीम का गठन किया जिसमें थाना प्रभारी ढीमरखेड़ा श्री शाहिद खान, स्लीमनाबाद थाना प्रभारी श्री अखलेश दहिया एवं उमरिया पान थाना प्रभारी श्री सिद्धार्थ राय को शामिल करते हुए तत्काल उपलब्ध संसाधनों के साथ राहत एवं बचाव कार्य प्रारंभ करते हुए एसडीआरएफ एवं एनडीआरफ की टीम से भी संपर्क किया गया । इसके साथ ही राजस्व विभाग, जनपद तथा ग्राम पंचायत से समन्वय स्थापित कर बाढ़ प्रभावित लोगों के रूकने एवं खाने-पीने की व्यवस्था की गई। सुबह से अभी तक लगातार बचाव एवं राहत कार्य जारी है। इस दौरान

1. थाना स्लीमनाबाद अंतर्गत ग्राम धरवारा, दाहुली और तिहारी अंतर्गत कुल 9 लोगों का रेस्क्यू किया गया
2. थाना ढीमरखेड़ा अंतर्गत ग्राम पौड़ी, ठीरी, सिमरिया एवं ग्राम रिछाई अंतर्गत कुल 25 लोगों का रेस्क्यू किया गया
3. थाना उमरिया पान अंतर्गत ग्राम बरेली, गाड़ा, इटमा, घुघरी, टोपी, घुघरा, छोटा कछार, बहनरी, पौड़ी खुर्द, पिपरिया एवं सहलावन गांवों से कुल 20 लोगों का रेस्क्यू किया गया।

इसके अतिरिक्त पूरे बचाव एवं राहत कार्य के दौरान जन सहयोग के माध्यम से लगभग 450 लोगों को बाढ़ के पानी से बचाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया अभी ग्राम घुघरी, टोपी, घुघरा, छोटा कछार गांव में राहत एवं बचाव कार्य जारी है।

पुलिस अधीक्षक महोदय द्वारा बताया गया कि बारिश को दृष्टिगत रखते हुए कटनी जिले की पुलिस को अलर्ट मोड पर रखा गया है और सभी राजपत्रित अधिकारियों एवं थाना और चौकी प्रभारियों को क्षेत्र में बारिश से प्रभावित होने वाले गांवों पर नजर रखने हेतु निर्देशित किया गया है साथ ही किसी भी प्रकार की जन धन के हानि न हो इसे सुनिश्चित करने हेतु सभी प्रकार की व्यवस्थाएं की गई हैं और निगरानी तथा संवाद तंत्र स्थापित किया गया है।

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